भविष्यदत्त भविष्य री कवितावां

छोरी
(1)
गोखड़ा मंय बैठी थकी छोरी
आपडी उमर नं सलायं मंय
नाके फंदा
बणावे घर
जोड़े
घटावे
नै बणावे
हपनं नुं स्वेटर
गोखड़ा मंय बैठी छोरी
***

(2)
देकउं हुं छोरी नै
सूलो हलकावती
लाकड देती
आपडे आप नै देती
आई नै देती
बाप नै देती
सब नै देती
सूलो हलकावती छोरी
***

(3)
गाडी
गाडी चलावती छोरी
जात्री
डोकरो
डोकरी
नानं-मोटं
बैन ने भाई
हपनं
नै उमर
***

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Text selection Lock by Hindi Blog Tips