सुख
दु:खी है
सुख चा'वै ?
तद सुख ना बटोर
दु:ख बांट
दूजां रां
सुख
आपो आप आ सी
सिर रै ताण ।
***
परम्परा
जुवानपणै में
मा अर बापू
टाबरां सूं
बात नीं करै
तद टाबर
आपरै जुवानपणै में
मा-बापू सूं
बात नीं करै
इण में
आपां
टाबरां नै
नीं कै' सकां
कसूरवार
क्यूं कै
टाबर तो
आपरी
परम्परा निभावै ।
***
भींत
आपां सगळा
'इगो' सारू लड़ां
अर एक दूजै रै बिचाळै
खींचद्यां भींत
जकी
बधै रातोरात
मैं'गाई ज्यूं
पछै
भळै 'इगो' टकरावै
तद
भींत
कीं और बध ज्यावै।
***
तरक्की
सै'र सूं
गांव कानी
म्हूं घणकरी बार
पगांईं चाल पड़ू
इण सोच रै साथै
कै
घणांईं साधन है
चढा लेसी कोई
पण सगळा
मेरै कन्नै सूं
टपता जावै
आप-आपरा साधन ले' र
कोई नीं रोकै
कोई नीं कै'वै
अरै आ भई
बैठ
म्हारै होंवतां
पगां क्यूं बगै?
स्यात
गांव तरक्की करै
मन्नै लागै
गांव
सै'र बणण लागग्यौ।
***
मिनख
गळ्यां टेडी-मेडी
अर कित्ती संकड़ी है
चालणौ भौत दोरौ है
इणां माथै
पण
बै' भी मिनख है
जिका
खुद बणावै
पगडंडी
बै' जठै खड़्या हुवै
लेण बठै सूं सरू हुवै
बा'नै लखदाद है
बा'नै घणा-घणा रंग
जिका जीतै
बार-बार जंग।
***
उदासी
आज
रूंख भी
उदास-उदास है
चाँद भी
उदास है
चिड़कल्यां भी
उदास है
पून भी
उदास-उदास सी बगै
म्हूं भी
आज उदास हूँ
तद प्रकीरती भी
उदास है।
***
जतन
घणौ जीण सारू
लोग कित्ता करै जतन
नीं जाणै
कै
जग
दरयाव है
दु:खां रौ
सगळा
कठै जाणै तिरणौ।
***
आंसू
भीतर सूं भरज्यै
काळजौ
अर दु:ख-सुख में
हुज्यै पोळमपोळ
तद
आंसू रै मिस आ ज्यै
आंख्यां सूं बारै।
***
बटाऊ
आजकालै
बटाऊ सारू
कागला कुण उडावै
बटाऊ
जे मजबूरी में आवै
तो आंवतांईं
चल्यौ जावै।
***
कागद
कागद आणा
बंद हुग्या
कागद जाणा
बंद हुग्या
अबै कुण राख सी
कागदां नै
संभाळ'र
कागद
अबै म्यूजियम री
चीज बणग्या
अबै लागै
कागद अडीक सी
मिनख नै।
***
अचंभौ
अचंभाळी बात सुण'र भी
अचंभौ नीं करै
म्हूं देख्या
आंख्यांळा आंधा
अर जीभ हुवतां थकां मून
मिनख नै
मिनख
क्यूं नीं देखै
अर
किंयां रै'वै मून
इत्ती भीड़ में।
***
दिवळौ
दिवळै री लौ
कम नीं हुवै
अंधारौ पाटण सारू
दिवळै री देह
अर ताकत नै
अंधारौ जाणै
आपां नीं।
***
रूंख
रूंख
उदास-उदास
खड़्यौ है आज
आपरी उदासी मुजब
रूंख बतावै
कै मिनख
म्हारी ठंडी छिंयां में
थ्यावस सारू
क्यूं नीं आवै?
***
striya Kavitaon ke liye thanks...
जवाब देंहटाएं