(एक)
गळी रै
कादै कनै
भींत पर लिख्योडो नारो
पांयचा
टांग्या खड़्यो.
बूंद-बूंद
पाणी बचाओ.
***
(दो)
गाम में
बडतां ई
बाडां में
सूकती थेपड़्यां
हाथ जोड’र
राम-रमी करी म्हारै सूं.
***
(तीन)
भींत में थान
थान में देवता.
आरती सूं
देवता तो मानता रैया
पण भींत कोनी.
एक दिन
देवता सेती
ढह पड़ी भींत.
***
भींत कोनी मानी
भींत में थान है
थान में देवता
आरती सूं
देवता तो मानता रैया
पण
भींत कोनी मानी
एक दिन
दाब मार्या
देवतावां नै भींत!
अमीरी
छात माथै
छात माथै
चढण सारू
पैड़ी बणवावणी कै लगावणी
कोई अमीरी कोनी
पण चूल्है माथै पग मेल'र
हारड़ी पर
हारड़ी सूं लंफ'र
रसोवड़ी पर
अर रसोवड़ी सूं मंडेरी पर टांग घाल'र
बरसां तक छात माथै चढणो ई
गरीबी में कोनी गिणीजै।
***
पैड़ी बणवावणी कै लगावणी
कोई अमीरी कोनी
पण चूल्है माथै पग मेल'र
हारड़ी पर
हारड़ी सूं लंफ'र
रसोवड़ी पर
अर रसोवड़ी सूं मंडेरी पर टांग घाल'र
बरसां तक छात माथै चढणो ई
गरीबी में कोनी गिणीजै।
***
सीख
बाबै नै
पसीनै सूं
हळाडोब हुयोड़ो देख
बरसणो सीख लियो मेह।
***
पसीनै सूं
हळाडोब हुयोड़ो देख
बरसणो सीख लियो मेह।
***
भींत कोनी मानी
भींत में थान है
थान में देवता
आरती सूं
देवता तो मानता रैया
पण
भींत कोनी मानी
एक दिन
दाब मार्या
देवतावां नै भींत!
***
छात री बात
छात रै मोरै मांखर
सूरज देख्यो म्हारै कानी
बोल्यो-
बाळ देस्यूं
छात मुळकी म्हारै कानी
अर बोली-
सूत्या रैवो, सूत्या रैवो
ओ तो इयां ई करै!
***
सूरज देख्यो म्हारै कानी
बोल्यो-
बाळ देस्यूं
छात मुळकी म्हारै कानी
अर बोली-
सूत्या रैवो, सूत्या रैवो
ओ तो इयां ई करै!
***
नारो
गळी रै कादै कनै
भींत पर लिख्योड़ो नारो
पांयचा टांग्यां खड़्यो है-
'बूंद-बूंद पाणी बचाओ।'
***
गळी रै कादै कनै
भींत पर लिख्योड़ो नारो
पांयचा टांग्यां खड़्यो है-
'बूंद-बूंद पाणी बचाओ।'
***
अड़वो
कुण कैवै
अड़वो डरावै
अड़वै री बांह में
ईंडा दिया एक चिड़ी
म्हींनो होग्यो
अजे हाथ कोनी हलायो अड़वै!
***
कुण कैवै
अड़वो डरावै
अड़वै री बांह में
ईंडा दिया एक चिड़ी
म्हींनो होग्यो
अजे हाथ कोनी हलायो अड़वै!
***
हेली रो अंतस
कितणो निबळो है
नूंवी हेली रो अंतस
निजर सूं बचण सारू
एक काळी हांडकी री
ओट लियां खड़ी है।
नूंवी हेली रो अंतस
निजर सूं बचण सारू
एक काळी हांडकी री
ओट लियां खड़ी है।
***
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