प्रीत पगल्या टूट्या-फूट्या,घाल गले में डोरयो
रोवनो है तो बिरखा में रो,बणजा बेटा मोरयो
इब बे बेली मिलै कठे है,इब बे जूनी बात्यां है
काढ कालजो चाखै साथी,इब कांई ओ होरयो
नूंवे जमाने री निजरां सूं,इत्तो फरक तो आ ई ग्यो
पेली बाजतो जीको 'चोरसा',इब बो ई है 'चोरयो'
लोई सूखग्यो चेरे रो,आंख्यां भाटा बणगी है
जद सूं टूट्यो था रै म्हारे,मन बीचे रो डोरयो
पाछो इब तूं कांई आसी,कांई था री उम्मीदां राखां
बाथां भर ले आज 'कुमार',देख कोई है रो रयो
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इयां कियां पार पड़ेली
दो पग आगा,दस पग पाछा,इयां कियां पार पड़ेली
दस है कूड़ा,दो है साचा, इयां कियां पार पड़ेली
कपडछाण जे करो सांच रो,हाथ कंई नई आवेला
मुंडा माथा,कूड़ा साथा, इयां कियां पार पड़ेली
जोर जमायो कुरसी तांई,दौड़ लगायी कुरसी तांई
करयां ऊंधा साटा-बाटा,इयां कियां पार पड़ेली
मिनाखाचारो रूंख लटकियो,यारी पड़गी कूवे मांई
कूवे भांग घुली है यारां,इयां कियां पार पड़ेली
आंगणिया खाली-खाली है,गली-गवाडां स्यापो पड़ग्यो
बरणाटा मारे सरणाटा,इयां कियां पार पड़ेली
चमक उतरगी धोरां री,सै धोला धट्ट होयग्या है
गाँव आंवता सैरां मांई,इयां कियां पार पड़ेली
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घणी खम्मा !
जवाब देंहटाएंनिरे बगत पछे गणेश जी ने देख्यो है वा भी आच्छी रचनावा सागे ,
घणी खम्मा !