भंवर लाल स्वामी री कवितावां

सुण ए टंकी
सुण ए टंकी गैस री
म्हैं सुण्यो-
काल थूं फाटगी
पण खन्नै ऊभी सासु तो बचगी
अर दूर ऊभी बीनणती बळगी
ओ किंयां हुयग्यो ?
कांई थूं बंदूक री गोली दांई
लगावै अचूक निसाणो
बेजान थूं
बीनणी नै क्यूं धमकावै
चंडी रै रूप धार भखै
केई हादसा सरमा मरै थारै सामीं
नुंवो इतिहास रचावती थूं
थमण रो नांव ई कोनी लेवै
अर नित आंकड़ा बधता जावै
सासु, सुसरै, देवर, जेठां रो
कीं खांड़ो कोनी हुवै
पण बापड़ी बीनणत्यां
आयै दिन थारी लाय में सिक जावै
इंयां किंयां थूं नितूकै ई फाट जावै !

डावडी ! थूं फाट
थनै कुण है बरजै
पण कीं इण ढाळै फाट
कै सासु, सुसरै, देवर, जेठ
सगळा बच जावै भलांई
पण दायजै रा लोभी मानवी
बळर भस्म हुय जावै
कीं इण ढाळै फाट ……
***

मंहगाई
अरे ! भायां ओ के जमानो आयो है
मंहगाई रो काळो बादळ
च्यारूं कानी छायो है ।
हर साल पड़ै काळ रांडरो
भूखो मिनख-मिनख नै,
गांव-गांव हांडणो
काया रो सूखर बणग्यो मांडणो
पेट में ऊंदरा घमसाण मचावै है
अरे ! भायां ओ के जमानो आयो है ।

पुराणै जमानै नै जद याद करां
आज रो बगत भूला कोनी
बीस-बीस रुपियां में सांड्या ली ही
पण आज बींगी मोरी ही मिलै कोनी
च्यार-च्यार रुपिया में गायां ली ही
पण आज दूध रो पोठो ई ही मिलै कोनी
धी-दूध री नदियां बहती ही भारत में
पण आज दूध रो लोटो ही मिलै कोनी
सांची बूझो हो तो, पांच साल हुयग्या
फाको मारर काम चलायो है
अरे ! भायां ओ के जमानो आयो है ।

पण अब फाको ही फाडी में पड़ग्यो
भूखो पाडीयो बापड़ो, पंचायत में बडग्यो
पेमलो टाबरां सेती कुंडी में पड़ मरग्यो
पूत पालणै में ही बांछ्या पड़ग्यो
मालक ! अठै अबै चोर मजा करै है !
बांरां चमचा मुसाणां तांई सतावै है
अरे ! भायां ओ के जमानो आयो है ।
***

पढाई
एक दिन
छोरै री गारजियन
स्कूल में आई
पैली तो हांसी
पछै गुरराई
बोली-
मास्टर साब
थे टाबरां नै
ओ कै पढाओ हो
सारै दिन ई
इमरत बचन ही रटावो हो
गांधी जी रै आदर्सां रै अलावा
भळै कीं कोनी बताओ
अर सांची पूछो तो थे
टाबरां नै भूखा मरणै रो प्लान बताओ हो ।

म्हैं बोल्यो-
ओ के थांरो छोरो
ऊपर सूं हीरो
अर कोपी में जीरो
ईं वास्तै मिनख बणावै हो ।

बा बोली-
ओ नेता रो बेटो है
नेता ई बणैला
थांरी तरियां मिनख बण
भूखो थोड़ी ई मरैलो
ईं वास्तै
जीवण रा असली प्रैक्टिकल
कराया करो
सोगन क्यांगी ही खुवाद्यो
बोलणो कूड़ ही है
ओ कम्पसरी
सब्जेक्ट दिराया करो
झांसा अर घोटाळां री
कीं टेरनिंग दिराया करो
हफ्तै रै हर दिन
नटवरलाल रा किस्सा सुणाया करो
अर आपसूं अरज है-
सिरफ आज रै नेतावां रो
आदर्स बताया करो ।
***

शादी
शादी रै दुष्मणां नै
सबक सिखाण तांई
बां नै राह पर लाण तांई
म्हैं मसाण में पड़यै
नब्बै साल रै डैण री लाश सूं
कान में पूछियो-
कै शादी करावैलो ?
नुंवी बिनणी लावैलो ?
अलफाज मुडदै नै गुददुदायो
बो जाणै जी खोलर मुळक्यो
कीं सरमां मरतो
खफण मांय मूढो लुकोयो
अर जोस सूं बोल्यो-
के थानै शादी री अहमीयत रो राज
हाल तांई ई समझ में नीं आयो ??
***

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