थूं-1
थूं तूठी
म्हनै
म्हैं लूटी
थनै
इण तूठ-लूट रै बिच्चै
कितराक दिन
जीवांला अपां दोनूं
अर अपां रै बीचाळै रौ
औ दीठ्यौ-अणदीठ्यौ
सगळौ जड़-चेतण!
***
थूं-2
कालै म्हनै ओळ्यूं आयी
गंगा री, जमना री
अनै थां री
पण थूं तौ फकत,
एक बगती नदी ई तौ हैं
अर म्हैं, समन्द
म्हैं जाणूं
थां रौ छेकड़लौ पड़ाव!
थूं म्हनै टाळ
और कठै जावसी,
***
थूं-3
थूं माटी
म्हैं कुम्हार
थां मांय थरपिज्या
म्हारी कळपनांवां रा रंग-राग
मंड्या-मांडणा
रूप लिन्यौ अकूत आकरत्यां
पण स्यात
थूं नी जाणै
थां रै ई पाण-ताण
सधिया म्हारा हाथ
अर
अबार ई सीख्यौ है
गुढाळियां सूं उठनै
थड़ी करणौ
अधरै-अधरै पग धरणौ
आ म्हारी माटी
म्हैं थनै संवारूं
थूं म्हनै संवार।
म्हैं जाबक अणघड़ पाथर
थूं दूधां धोई धार
म्हैं थनै संवारूं
आव
थूं म्हनै संवार।
***
थूं-4
धरती,
आभै रै बीच बसै
अर आभै रै ई ताण-पाण
गुड़कावै है आपरौ गाडौ
पण औ कुण जाणै है
कठै बसै है
आभौ !
कुण बसै है
आभै मांय
अर किण रै ताण-पाण
गुड़कै है आभै रौ गाडौ
थां रा सगळा विमरस झूठा हैं !
***
थूं-5
बगै है
रळकती रेत
थां रै बेग सूं
थूं ई जाणै
म्हैं ई जाणू
आ एक रुत है
छेकड़
पाणी तौ
निवाण सिर ढळसी !
***
थूं-6
म्हैं नी देख्या
कणा ई
इतरा उतार-चढाव
बळबंट, नदियां सूं दूणा-तीणा
भलाईं कितरी ई टेढी-मेढी होज्या
पण थूं जाणै है
थंा री गत-दुरगत
म्हैं अड़ूवौ नी हूं
आ म्हारै बांथी भरले ।
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छोरी-1
थैं सूंप्यौ म्हनै
अंतस री आत्मा सूं काढनै
सत
म्हैं सूंप्यौ थनै
म्हारै मगज सूं काढनै
सगळौ असत
लै एकर ओजूं सम्हाळ,
लै एकर ओजूं सम्हाळ म्हारौ असत,
थां रै सत बदळै।
***
छोरी-2
छोरी
म्हारी सोच
पताळ सूं डूंगी
अर
आभै रै परवार है
पण फेर ई अबार
थां सारू म्हारा
सगळा विमरस
हांसियै टंग्योड़ा हैं
अर
थूं म्हा सारू
दौ आंगळ री जग्यां सूं बेसी-बती नी
सोळवैं सइकै मांय जीवै
अबार ई म्हारौ मानखौ।
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बापू
हरेक बारी
बिजाई माथै
बापू री आंख्यां मांय तिरैं हैं
जळमुरगाई
पण खळां ताईं आवता-आवता
गूची मार जावैं हैं
जळमुरगाई
अर
बापू हरेक बारी
जा थमैं हैं
दौ पग पाछै ।
***
मा
ऐन
टाबरपणौ तौ
म्हनै याद नी मा
पण कालै
म्हैं देखी
इण चैत री धुर तावड़ी
टिटूड़ी नै
अंडौ सेवता।
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chokhi kavitawa ! behtar sabda ro bharaav hai in kavita me .
जवाब देंहटाएंfootri kavitava saaru mokli badhai .
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