आदमी
कांकड़ रै माथै
आवता-जावता लोगां नै
निरखण आळो छग्योड़ो बंवळियो
***
प्रेम
रेगिस्तान रै मांय
जद-कद होवती बिरखा
***
संबंध
दीया रै मांय घाल्योड़ो
थोड़ो उधारो तेल
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सभ्यता
बिना धणि री
भेळियोड़ी खेती
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सांझ
नाज रा टोटा में
बुझ्योड़ा चूलासी
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(राजस्थानी-1 सूं)
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