डॉ.राजेश कुमार व्यास री राजस्थानी कवितावां

डॉ.राजेश कुमार व्यास
झरै है सुर...
(पं. शिवकुमार शर्मा रै संतुर नै सुणती थकै)
-एक-
बैवै झरणौ
कळ-कळ
री आवाज साफ
सुणीजै
थौड़ी’क ताळ थमै
अर
फेरूं बैवै
कळ-कळ-कळ...
बुलबुला बणावै पाणी रा
हंसे, खिलखिलावै
गावै कोई गीत
घाटी रै सुनपण मांय
हरै
एकलोपण।
झरणै रै झरण सूं
भिगिज जावै मन
झरै पाणी रै सागै
घणकरा सोवणा अर
मन मोवणा सुर
सा रे ग म प ध नि सा
सा नि ध प म ग रे सा...।

-दो-
राग मधुवंती नै सुणती बैळा

सागर खावै छोळा
अेक लहर
दूजी...तीजी...चौथी...
अर
आगै सूं आगै लहर
सागर खावै छोळा
चोखी लागै
आवती अर
जावती लहर्या
हरैक लहर
भरै मांय रो खालीपण
मांय घिर्यौड़े अंधारै
रै सामीं
जगावै दिवळा
अर
करै है घणकरो उजास।
***
नूंवो आर्ट
(हंगरी के आर्टिस्ट इस्टवान के विडियो इन्स्टालेसन ने देखती थकै)
बै कैवे
देखो-
ओ साव नूवों आर्ट है
इनै
इन्स्टालेसन आर्ट री दीठ सूं परखौ।
म्हूं
इणगी-उणगी
सोधूं...
कीं निजर नीं आवै
बै फेरूं कैवे
ओ देखो इणरो विडियो
सामी आवै
घणकरा दरसाव
म्हूं कीं समझ नी पावूं
घणकरी थेपड़्यां
अेक सिंहासन सरीखी कुर्सी
उण पर उगाड़ो
नंग धड़ंग
कच्छौ पैर्यौडो
बैठ्यौ है
इन्स्टालेसन आर्ट रो आर्टिस्ट
विडियो मांय
निगै आवै
मुळकता छोरा
आर्टिस्ट पर थेपड़्या चिणता
आर्टिस्ट ढक लेवै अपणै आप नै
म्हूं चमगूंगो सूं देखूं
विडियो री पूरी फिलम।
किंया लाग्यौ ओ नूंवो आर्ट?
अबै
थे ही बताओ
कीं देवूं पडूतर
छेकड़
आर्टिस्ट खाली देखणे इ नीं
इ नये आर्ट पर
कीं लिखण नै
तेवड़ियो है।
***

बगत कदैई रूक्यौ है?
दोरो है
इण बगत
किरैई बारे में सोचणौ
अर
सोरी कठै रैयी है
बिना कारण करणी
किणी सूं मिळ’र हथायां
इन्टरनेट
केबल टीवी
अर
बजार जोवै बाट
बा देखो
भागती जा रैयी है ट्रेन
रूकण री नीं है बीनै अड़ी
बगत
किरैई खातर कदेई रूक्यो है?
***

कविता है अणहोणी सूं लड़न रो हथियार
इण सूं पैली के
सूख जावै
सगळा ही हरा रूंख
आभै सूं
बरसण लाग जावै खीरा
तारां री छिंया मांय
सूस्तावण लाग जावै सूरज
उजास करण लाग जावै जतन
अंधारै मांय लुकण रो
इणसू पैली के
भागण लाग जावै
उम्मीद री आस
अर
सूख जावै
आंख रो पाणी

भरोसो राखते रचां
आपां कविता
सेवट
कविता है
अणहोणी सूं
लड़ण रो हथियार।
***

आंख में भी पाणी हो
दादी कनै
एक कठोती ही
उण रै मांय पाणी लेय‘र
बा
न्हावती
न्हाण रै बाद
बच्यौड़े पाणी सूं कपड़ा धोवती।
पाणी
फेरूं भी
बच जावतौ
दादी
घर आळा ने
सूंप देवती बो पाणी
ओ कैवते-
‘मसोता कर लो
ई पाणी सूं...’
दादी रो पाणी
कदै नीं खूटतो
तद
आंख में भी पाणी हो
सब दादी रो कैवणों मानता।
***
गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी अर लेखक कवि डॉ. राजेश कुमार व्यास नै उत्कृष्ट मौलिक लेखन खातर 10 हजार रूपये नकद पुरस्कार नै प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित कर्‌या।

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