म्हारो देवता
एक देवता मरग्यो
भोत पेलां
अर खुसगी पांखं
म्हारै नेहचै री ।
अबै कोई कहाणी कोनी बणै
ना ई कोई सबद ई जुडै सबद सूं
लागै जाणै
जिग्यां ई कोनी ऊबरी
म्हारै खातर
आं सबदां मांय
अर जे ऊबरिया है तो
फ़गत थोथा विचार !
म्हैं म्हारो
थकेलो लेय
पसर जावूं
एक देवता मरग्यो
भोत पेलां
अर खुसगी पांखं
म्हारै नेहचै री ।
अबै कोई कहाणी कोनी बणै
ना ई कोई सबद ई जुडै सबद सूं
लागै जाणै
जिग्यां ई कोनी ऊबरी
म्हारै खातर
आं सबदां मांय
अर जे ऊबरिया है तो
फ़गत थोथा विचार !
म्हैं म्हारो
थकेलो लेय
पसर जावूं
***
निढाळ होय’र
सोच री बाथां में
देखूं म्हैं
म्हारै देवता नै
उण रै भोळापै नै
अर आंख्यां मांय़
बणती एक कहाणी नै....
***
स्यात थूं मुळकै
आज रात भोत सुहावणी सी है
बायरियो बाजै
मुळकती सी धरती
होय रैयी है खांगी सी
पंखेरू नीं है अणमणा
दरखत जतावै आपरी खुसी
पानड़ा खिंड़ा-खिंड़ा’र
स्यात
थूं मुळकण लाग रैयी है.......
स्यात थूं मुळकै
आज रात भोत सुहावणी सी है
बायरियो बाजै
मुळकती सी धरती
होय रैयी है खांगी सी
पंखेरू नीं है अणमणा
दरखत जतावै आपरी खुसी
पानड़ा खिंड़ा-खिंड़ा’र
स्यात
थूं मुळकण लाग रैयी है.......
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