भागीरथ कांकाणी |
ओळाव
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दुनिया की दादागिरी
को ठेको ले राख्यो है
अमेरीका।
शांती'र नाम दुनिया में
करे जुद्ध,लड़ाव देश के लोगा ने
एक दूजा स्यूं।
भेजै आपरी फौजा
देव नुवां-नुवां हथियार
अर शुरू करे एक अंतहीन जुद्ध।
आभै में कांवळा दाईं
उडावै हवाई जहाज
ठोड-ठोड फैंक ब़म।
बिना मिनखा
चाळबाळा हवाई जहाज
डरोण बरपाव कहर।
आग की च्यांरा कानी उठे
लपटा, धुंवारा उठै गुब्बार
दिन-रात हुवै धमाका।
चिखा अर चितकारा सुणीजे
चौफेर दिखै छत-बिछत
हुयोड़ी ळाशा।
गंदक दाई मरे मिनख
डरूं-फरुं लौग-लुगायां भागै
टूटयोड़ा घरा न छोड़।
चिरळी मारै घरां में
सुत्योड़ा टाबरिया
सुण र धमाका बामा रा।
बरसा न बरस चाळै
शांतीर नावं पर
अशांती रो जुद्ध।
मन में बैठ्या
दरिंदै ने तो कोई न कोई
ओळाव चाईजै।
०००
गाँव रो पीपळ
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गँवाई कुवै के
जिवणे पासै हो पीपंळ
अर पिपंल के पसवाड़े हो
सती दादी रो देवरो।
गौर-ईशर की सवारी जद
कूवै पर आंवती जणा गाँव री
छोरया-छापरया पींपळ रै हैठे
भैळी हुय र गीत गांवती।
नुवों ब्याव हुयोड़ो जोड़ो
सती दादी रै गठजोड़े की
जात देवण आंवतो जणा
पीपळ री छियां आशीष देवंती।
बैसाख के महीना में
भोरान-भोर गाँव री लुगायाँ
पीपळ सींचण ने आंवती
गट्ट पर बैठर कांण्या कैंवती
अर भजन गांवती।
टाबरिया रमता पीपळ की
छियाँ मांय दड़ी र गेडियो
अर लगाता लंम्बा-लंबा
दड़ी का टौरा जेठ-असाड
की गरमी रे मायं।
गौर के मंगरीयां पर पीपऴ
के निचे हुवंती नारा-गाड्या
री दौड़ अर देखतो पुरो गाँव
जीतबाळा ने सराता सगळा।
पण आज पिंपळ कौनी रियो
रेग्यो ळारे गट्टो अर बीरी यादां
आसीस रे ओळावै पीपळ देग्यो
आपरी समूची उमर गाँव ने।
००००
मौज मनास्या खेता में
-------------------------
मौज मनास्यां खेता मे !
धौरा माथै बाँध झुंपड़ो
दौन्यु रैस्या खेता में
सीट्टा मौरस्या मौरण खास्यां
खुपरी खास्यां खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
खेजड़ळी पर घाल हिंडोळो
हिंडो हिंडस्या सावण में
खाट्टा मिट्ठा खास्या बोरिया
कांकड़ वाला खेता में
मौज मनास्यां खेता मे !
लीलै धान की मीठी सौरभ
गमकै की जद खेता में
अलगोजा पर मूमळ गास्या
धौरां वाला खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
हेत प्रीत रा कांकड़ डोरड़ा
आपा खोलस्या खेता में
हाथ पकड़ कर कनै बैठस्यां
बाता करस्यां खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
साख सवाई अबके हुसी
घोटां पोटां बाजरियाँ
सिट्या तोड़स्या कड़ब काटस्या
खळो काढस्यां खेता में
मौज मनास्यां खेता मे !
००००
झूम रही है बाजरियाँ
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सोनल वरणा धोंरियाँ पर
मूँग, मोठ लहरावै रे,
मोरण, सीटा और मतीरा
मरवण रे मन भावै रे ।
रे देखो खेता में झूम रही है बाजरियाँ ।।
बरसे सावण - भादवो
मुलके मरुधर माटी रे ,
बणठण चाली तीजणया
हाथी हौदे तीज रे ।
रे देखो बागा में झूल रही है कामणियाँ ।।
होली आवे धूम मचाती
गूंजै फाग धमाल रे,
चँग बजावे, घीनड़ घाले
उड़े रंग गुलाल रे ।
रे देखो होली में नाच रही है फागणियाँ ।।
सरवर बौले सुवटा
बागां बोलै मोर रे,
पणघट चाली गौरड़ी
कर सोलह सिंणगार रे,
रे देखो पणघट पर बाज रही है पायलियाँ ।।
बिरखा रे आवण री बेल्या
चिड़ी नहावै रेत रे,
आज पावणों आवलो
संदेशो देव काग रे ।
रे देखो मेड़ी पर बोल रियो है कागलियो ।।
००००
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दुनिया की दादागिरी
को ठेको ले राख्यो है
अमेरीका।
शांती'र नाम दुनिया में
करे जुद्ध,लड़ाव देश के लोगा ने
एक दूजा स्यूं।
भेजै आपरी फौजा
देव नुवां-नुवां हथियार
अर शुरू करे एक अंतहीन जुद्ध।
आभै में कांवळा दाईं
उडावै हवाई जहाज
ठोड-ठोड फैंक ब़म।
बिना मिनखा
चाळबाळा हवाई जहाज
डरोण बरपाव कहर।
आग की च्यांरा कानी उठे
लपटा, धुंवारा उठै गुब्बार
दिन-रात हुवै धमाका।
चिखा अर चितकारा सुणीजे
चौफेर दिखै छत-बिछत
हुयोड़ी ळाशा।
गंदक दाई मरे मिनख
डरूं-फरुं लौग-लुगायां भागै
टूटयोड़ा घरा न छोड़।
चिरळी मारै घरां में
सुत्योड़ा टाबरिया
सुण र धमाका बामा रा।
बरसा न बरस चाळै
शांतीर नावं पर
अशांती रो जुद्ध।
मन में बैठ्या
दरिंदै ने तो कोई न कोई
ओळाव चाईजै।
०००
गाँव रो पीपळ
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गँवाई कुवै के
जिवणे पासै हो पीपंळ
अर पिपंल के पसवाड़े हो
सती दादी रो देवरो।
गौर-ईशर की सवारी जद
कूवै पर आंवती जणा गाँव री
छोरया-छापरया पींपळ रै हैठे
भैळी हुय र गीत गांवती।
नुवों ब्याव हुयोड़ो जोड़ो
सती दादी रै गठजोड़े की
जात देवण आंवतो जणा
पीपळ री छियां आशीष देवंती।
बैसाख के महीना में
भोरान-भोर गाँव री लुगायाँ
पीपळ सींचण ने आंवती
गट्ट पर बैठर कांण्या कैंवती
अर भजन गांवती।
टाबरिया रमता पीपळ की
छियाँ मांय दड़ी र गेडियो
अर लगाता लंम्बा-लंबा
दड़ी का टौरा जेठ-असाड
की गरमी रे मायं।
गौर के मंगरीयां पर पीपऴ
के निचे हुवंती नारा-गाड्या
री दौड़ अर देखतो पुरो गाँव
जीतबाळा ने सराता सगळा।
पण आज पिंपळ कौनी रियो
रेग्यो ळारे गट्टो अर बीरी यादां
आसीस रे ओळावै पीपळ देग्यो
आपरी समूची उमर गाँव ने।
००००
मौज मनास्या खेता में
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मौज मनास्यां खेता मे !
धौरा माथै बाँध झुंपड़ो
दौन्यु रैस्या खेता में
सीट्टा मौरस्या मौरण खास्यां
खुपरी खास्यां खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
खेजड़ळी पर घाल हिंडोळो
हिंडो हिंडस्या सावण में
खाट्टा मिट्ठा खास्या बोरिया
कांकड़ वाला खेता में
मौज मनास्यां खेता मे !
लीलै धान की मीठी सौरभ
गमकै की जद खेता में
अलगोजा पर मूमळ गास्या
धौरां वाला खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
हेत प्रीत रा कांकड़ डोरड़ा
आपा खोलस्या खेता में
हाथ पकड़ कर कनै बैठस्यां
बाता करस्यां खेता मे
मौज मनास्यां खेता मे !
साख सवाई अबके हुसी
घोटां पोटां बाजरियाँ
सिट्या तोड़स्या कड़ब काटस्या
खळो काढस्यां खेता में
मौज मनास्यां खेता मे !
००००
झूम रही है बाजरियाँ
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सोनल वरणा धोंरियाँ पर
मूँग, मोठ लहरावै रे,
मोरण, सीटा और मतीरा
मरवण रे मन भावै रे ।
रे देखो खेता में झूम रही है बाजरियाँ ।।
बरसे सावण - भादवो
मुलके मरुधर माटी रे ,
बणठण चाली तीजणया
हाथी हौदे तीज रे ।
रे देखो बागा में झूल रही है कामणियाँ ।।
होली आवे धूम मचाती
गूंजै फाग धमाल रे,
चँग बजावे, घीनड़ घाले
उड़े रंग गुलाल रे ।
रे देखो होली में नाच रही है फागणियाँ ।।
सरवर बौले सुवटा
बागां बोलै मोर रे,
पणघट चाली गौरड़ी
कर सोलह सिंणगार रे,
रे देखो पणघट पर बाज रही है पायलियाँ ।।
बिरखा रे आवण री बेल्या
चिड़ी नहावै रेत रे,
आज पावणों आवलो
संदेशो देव काग रे ।
रे देखो मेड़ी पर बोल रियो है कागलियो ।।
००००
अब तो बे गाम ही कोनी , अब तो बे मिनख ही कोनी, ,
जवाब देंहटाएंआप ने घेणो घेणो धन्यवाद है